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Monday, December 28, 2015

मंज़िल के करीब

मंज़िल के करीब आकर कश्तीयॉ डूब जाती हैं,    देखा है कई बार हमने गर्दिश में सितारों को,        हाथों की लकीरों को गर इंसान बदल सकता तो,  खुश होता वो अपनी तक़दीर बनाकर !!🌴🌹🌴🌴🌹🌴🌴🌹🌴🌴🌹🌴🌴🌹

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