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Friday, January 22, 2016

जीने की एक वजह दें दो ---

मुझे जीने की एक वजह दें दो
ज्यादा नहीं थोड़ी- सी बस
दिल में जगह दें दों
मुझे जीने की एक वजह दें दो

चलो आज दूर कहीं चलते हैं
वक़्त भी है साथ और मौका भी
दिख जायें शायद राहें वो
जिससे गुज़रते थे हम कभी
उन राहों को रौशनी दे दो

ज्यादा नहीं थोड़ी-सी बस
दिल में जगह दे दो
मुझे जीने की एक वजह दे दो

मिल बैठेंगें जब दो दिल तो
मंजिल खुद-ब-खुद दिख जाएंगीं
बातें होगीं जब थोड़ी-सी
फ़ासलों में भी कमी आएंगीं
छोड़ो बिती बातों को ज़मी दे दो

ज्यादा नहीं थोड़ी-सी बस
दिल में जगह दे दो
मुझे जीने का एक वजह दे दो

माना अब हम अकेले नहीं
तुम्हारी जिम्मेदारियाँ है ,मेरी भी
वक़्त जो था कभी हम दोनो का
आज मिलते हो जैसे दो अज़नबी
इन लम्हों में खुशी दे दो

ज्यादा नहीं थोड़ी-सी बस
दिल में जगह दे दों
मुझे जीने की एक वजह दें दो !!!

                               
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