वक़्त ने हमें
इस क़ाबिल कहाँ रक्खा है
क़द्र हो आपकी नज़रों में
हमारी अनमोल चाहतों का
काश ऽऽ कोई बेवफा
आपको भी मिल जायें
तब फ़र्याद समझ सकेगें
हम रफ़ीक़ो का!!!!
इस क़ाबिल कहाँ रक्खा है
क़द्र हो आपकी नज़रों में
हमारी अनमोल चाहतों का
काश ऽऽ कोई बेवफा
आपको भी मिल जायें
तब फ़र्याद समझ सकेगें
हम रफ़ीक़ो का!!!!
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