जब दिल में तमन्नाओं के फूल खिले
जब सावन भी अँगड़ाई ले
आ जाना तुम,आ जाना तुम
मनमीत मेरे,मनमीत मेरे
माना धरती के लाल हो तुम
पहले तुम्हें फ़र्ज़ पुकारेगा
पर हम भी हैं,राहों में खड़े
इस बात को ना भूल जाना तुम
एक माँ और भी है
जो बेसब्री से तेरी राहें देखा करती है
एक बहन है जो रक्षाबंधन पर
फूट-फूट कर रोती है
छोटा भाई भी क्या कम है दुखी
बस याद तुम्हें ही करता है
मेरी हालत सोचो क्या होगी
जो तेरी यादें लेकर जिंदा है
डरता है ये दिल इस बात से भी
वापस तुम्हें देख भी पाऊंगी
वादा है किया तुमने मुझसे
वापस फिर लौट के आने का
---- पर बात जब
वतन की हिफ़ाज़त की आये
इस बात से न हट जाना तुम
दुश्मन की इक-इक गोली को
सीने पर खाकर आना तुम
मुझे दर्द बहुत ही होगा तब
पर फ़क्र कहीं ज्यादा होगा
मेरी आँखों में आँसू होंगें
पर लब पे हँसी लहराएगी
और गर्व से मैं भी ले लूंगीं
तिरंगा अपने हाथों में
और जोश लगाकर बोलूंगीं
इन्क़लाब ज़िंदाबाद
जय जवान जय किसान
वन्दे मातरम् , वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम् ,वन्दे मातरम् !!!
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