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Wednesday, February 3, 2016

वो बैठे है गैरो की बाँहों में

अभी हमसे मिलने की फ़ुर्सत नहीं है
अभी हमें देखने की चाहत नहीं है
वो बैठे हैं गैरो की बाँहों में अये दिल
अभी उनको तेरी ज़रूरत नहीं है
        अभी रूप का एक सागर वो खु़द हैं
        है एक चाँद वो चाँदनी है हज़ारों
        ठहर जा अये दिल ढ़लने दे उम्र उनकी
        अभी उनका दिल उनके वश में नहीं है
अभी उनको मालूम नहीं प्यार क्या है
जो दे दूर तक साथ, वो साथी वफा है
भटकने दें उनको हसीं वादियों में
अभी उनको चाहत से मतलब नहीं है
         किया प्यार तूने ही एक बेवफा से
         भरोसा है क्यों उसकी झूठी वफ़ा पे
         भूला दें अये दिल वक़्त के साथ उनको
         कि कोई भी उनका भरोसा नहीं है
हुआ प्यार जितना निभाया भी उतना
समझता नहीं है मगर दिल दिवाना
ये नादां है कितना मरता उनपे
इसे और किसी की ज़रूरत नहीं है !!

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