शब्दों को सँजाकर पेश करू
इतना तो सनम मुझे आता नहीं
जु़बा से बोल देता हूँ दिल की बातें
आसान है ये समझना भी समझाना भी
कुछ बातों को पर्दा दिजिए
बढ़ जाती है उसकी ख़ुबसूरती
पन्नों पर लिखी कुछ बातों की
अलग ही अहमियत होती है कभी-कभी
अब कौन करे मेहनत इतनी
पहले सोचे फिर पन्नों पे लिखे
आओ बैठो तुम पहलू में
कह देता हूँ सारी बातें यहीं
बड़ी बेशर्म आपकी ये चाहत है
क्या जानते नहीं बातें ये भी
लोग आसमां से तारे तोड़कर
लाने की बातें करते है
आप इतनी-सी बात न मान पाये मेरी
मैंने क्या सौ बार मोहब्बत की है
जो माहिर हूँ हर मुआमले में
बस ढ़ाई अक्षर की बात तो है
मैं थक गया,सुन लो न हसीं
ओह,हार गई मैं भी समझा कर
कह डालो मन की बातें यहीं
मगर याद रखना
बहुत शिद्दत से निभानी पड़ती है
प्यार ,रिश्ते या फिर दोस्ती !!
इतना तो सनम मुझे आता नहीं
जु़बा से बोल देता हूँ दिल की बातें
आसान है ये समझना भी समझाना भी
कुछ बातों को पर्दा दिजिए
बढ़ जाती है उसकी ख़ुबसूरती
पन्नों पर लिखी कुछ बातों की
अलग ही अहमियत होती है कभी-कभी
अब कौन करे मेहनत इतनी
पहले सोचे फिर पन्नों पे लिखे
आओ बैठो तुम पहलू में
कह देता हूँ सारी बातें यहीं
बड़ी बेशर्म आपकी ये चाहत है
क्या जानते नहीं बातें ये भी
लोग आसमां से तारे तोड़कर
लाने की बातें करते है
आप इतनी-सी बात न मान पाये मेरी
मैंने क्या सौ बार मोहब्बत की है
जो माहिर हूँ हर मुआमले में
बस ढ़ाई अक्षर की बात तो है
मैं थक गया,सुन लो न हसीं
ओह,हार गई मैं भी समझा कर
कह डालो मन की बातें यहीं
मगर याद रखना
बहुत शिद्दत से निभानी पड़ती है
प्यार ,रिश्ते या फिर दोस्ती !!
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